विभिन्न विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित : अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश

रायपुर, राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र के विभिन्न बिन्दुओं के क्रियान्वयन के लिए विभागवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी विभागों को इन पर अमल के लिए आवश्यक कार्रवाई तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस सिलसिले में मुख्य सचिव श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में यहां मंत्रालय में शासन के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और स्वतंत्र प्रभार वाले विशेष सचिवों की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों का उल्लेख करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों से जन घोषणा पत्र के महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में जानकारी ली और अधिकारियों को विभागवार कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
       बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 17 दिसम्बर को शपथ ग्रहण के तत्काल बाद मंत्रालय (महानदी भवन) पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों की पहली बैठक में मुख्य सचिव को जन घोषणा पत्र की प्रति सौंपी और उन्हें इस पर विभागवार तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विचार-विमर्श के बाद सभी विभागों को अलग-अलग लक्ष्य दिए गए है, जो इस प्रकार हैं -
सहकारिता विभाग - सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर कर्जा माफ करने का लक्ष्य रखा गया है। सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम दर 3500 रूपए प्रति क्विंटल तथा चना खरीदी न्यूनतम 4700 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। खाद्य विभाग - किसानों को दो वर्ष के धान के बकाया बोनस का भुगतान किश्तों में करने, धान खरीफ की न्यूनतम दर 2500 रूपए प्रति क्विंटल, मक्का खरीदी की न्यूनतम दर 1700 रूपए प्रति क्विंटल तथा जनजातीय क्षेत्रों में रागी, कोदो, कुटकी जैसी कृषि उपजों का न्यूनतम मूल्य तय कर खरीदी करने का लक्ष्य दिया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकार के तहत प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल प्रति माह प्रति किलो एक रूपए की दर से तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन-व्यापन करने वाले परिवारों को नियंत्रित दर पर तेल, दाल, नमक, चीनी तथा केरोसीन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

       ऊर्जा विभाग - बिजली बिल आधा करने का लक्ष्य है। कौशल उन्नयन एवं तकनीकी शिक्षा तथा रोजगार विभाग के अंतर्गत घर-घर रोजगार, हर घर रोजगार योजना के तहत छत्तीसगढ़ के युवाओं को राजीव मित्र योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अंतर्गत दस लाख बेरोजगार युवाओं को सामुदायिक विकास और समाजसेवी गतिविधियों में भाग लेने पर न्यूनतम प्रतिमाह 2500 रूपए प्रदान किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग - स्वास्थ्य का अधिकार के तहत छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को सर्वजन स्वास्थ्य योजना (यूनिवर्सन हेल्थ केयर) से गुणवत्तापूर्ण इलाज की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा बाह्य रोगी और अस्पताल में भर्ती रोगियों दोनों पर लागू होगी। इसके तहत दवाईयां और जांच की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। गंभीर बीमारियों की इलाज के लिए उच्चतम श्रेणी के चिकित्सक नियुक्त किए जाएंगे। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्पताल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

       स्कूल शिक्षा विभाग - शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षा का अधिकार को पूर्व प्राथमिक (प्री-स्कूल) से कक्षा 12वीं तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। छात्राओं को नर्सरी से पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 9वीं कक्षा में पहुंचने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त सायकिल दी जाएगी। कॉलेज और स्कूली छात्र-छात्राओं को मुफ्त सार्वजनिक परिवहन की सुविधा दी जाएगी। शिक्षा कर्मियों को दो वर्ष पूर्ण करने पर नियमित करने का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय प्रशासन, राजस्व एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग - ग्रामीण और शहरी आवास का अधिकार योजना लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत आगामी एक वर्ष के भीतर होमस्टेट अधिनियम लाया जाएगा। अधिनियम के तहत प्रत्येक ग्रामीण भूमिहीन पांच सदस्यीय परिवार को घर एवं बाड़ी के लिए जमीन दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में आवासहीन परिवारों को दो कमरों का मकान देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सम्पत्ति कर को शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम 50 प्रतिशत तक कम किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति कर पूर्णतः समाप्त कर दिया जाएगा। कचरा मुक्त शहर बनाने शहरी क्षेत्रों में कचरा निपटारे तथा रि-सायकिलिंग के लिए एसएलआरएन कार्यक्रम को मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

वन विभाग - वन अधिकार अधिनियम पूर्णतः लागू किया जाएगा। अधिनियम के अंतर्गत वनोपज तथा प्राकृतिक संसाधनों पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग को व्यक्तिगत अधिकार एवं ग्रामसभा को सामाजिक अधिकार दिए जाएंगे। पांचवी अनुसूची तथा आदिवासी क्षेत्रों के लिए पंचायत अधिनियम (पेसा कानून) पूरी तरह लागू किया जाएगा। गजराज योजना के तहत छत्तीसगढ़ में लेमरू और कोरबा जैसे वन क्षेत्रों में हाथी और वन्यजीव अभ्यारण्य स्थापित किए जाएंगे। मानव-हाथी संघर्षों को कम करने के लिए जंगलों को वाईल्ड लाईफ कॉरीडोर से जोड़ा जाएगा। वनोपज की उचित मूल्य पर खरीदी की जाएगी। तेन्दूपत्ता 4000 रूपए प्रति मानक बोरे के दर पर क्रय किया जाएगा। 75 में से 50 प्रमुख वनोपज उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले वर्ष में बढ़ाया जाएगा और वार्षिक समीक्षा की जाएगी। महिला एवं बाल विकास - राज्य में महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगी। महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूह का कर्ज माफ किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूहों को धोखा-धड़ी से बचाने एवं उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे। आंगनबाड़ियों में बालवाड़ी प्री-प्रायमरी स्कूल (नर्सरी) शिक्षा की शुरूआत की जाएगी।

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