एनटीपीसी प्रभावितों को नौकरी और मुआवजा देने के वादों में हुआ असफल.......

 


विस्थापन के बीस वर्षों बाद भी एनटीपीसी प्रभावितों को नौकरी और मुआवजा देने के वादों में हुआ असफल

भरत सिंह ठाकुर

बिलासपुर - एनटीपीसी में नौकरी पाने के लिए भू विस्थापित वर्षों से एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन के चक्कर लगा रहे है। एनटीपीसी ने किसानों से जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही थी। विस्थापन के 20 बरस बाद भी मुआवजा और नोकरी देने में एनटीपीसी प्रबंधन विफल साबित हुआ है।


मंगलवार को फिर एक बार फिर एनटीपीसी सीपत के भू-विस्थापितो ने कलेक्टर से अपनी गुहार लगाई। किसानों ने बताया कि एनटीपीसी उनकी जमीन अधिग्रहण करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं दे रहा है। किसानों ने इस विषय पर प्रशासन से त्रिपक्षीय बैठक कर एनटीपीसी सीपत में भू विस्थापितों के 156 रिक्त पदो को अनुसूचित जनजाति आरक्षण को समाप्त कर, उन्हें नौकरी दिलाने की मांग की है। किसानों ने बताया कि नौकरी पाने के लिए सालों से एनटीपीसी प्रबंधन के चक्कर लगा रहे है।

यह बताना बहुत लाजिमी है

एनटीपीसी ने विस्थापन के समय 691 किसानों की जमीन अधिग्रहण की थी। बदले में 425 प्रकरणों पर सुनवाई करते हुए 425  लोगों को नॉकरी दी गई है। शेष 266 किसान नॉकरी पाने दर दर भटकने को मजबूर है। वर्षों से नौकरी पाने की आस में चक्कर काट रहे भू विस्थापितों को जिला प्रशासन से बड़ी उमिद है। यह बताना बहुत लाजमी है कि अपने हक की लड़ाई के लिए किसान लोग को न्याय कब तक मिलेगा है,यह आने वाला समय ही बताएगा ।

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