गेवरा क्षेत्र द्वारा इस वित्तीय वर्ष का सर्वाधिक 2,60,124 टन कोयला उत्पादन....

 गेवरा क्षेत्र द्वारा इस वित्तीय वर्ष का सर्वाधिक 2,60,124 टन कोयला उत्पादन किया गया
इस वित्तीय वर्ष के अंतिम दो दिवस बचे हैं। ऐसे में
एसईसीएल में कोयला उत्पादन की प्रक्रिया में हर तरफ तेजी देखी जा सकती है। हाल ही में उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने की होड़ में कम्पनी द्वारा उत्पादन एवं प्रेषण के कई नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं। 
इसी कड़ी में 28 मार्च को गेवरा क्षेत्र द्वारा सर्वाधिक
2,60,124 टन कोयला उत्पादन किया गया, जो कि इस वित्तीय वर्ष का गेवरा क्षेत्र द्वारा सर्वाधिक कोयला उत्पादन है। विदित हो कि एसईसीएल की गेवरा खदान एकल रूप में एशिया की सबसे बड़ी कोल माईन है। प्रारंभ से ही एसईसीएल के कुल उत्पादन में गेवरा क्षेत्र का अहम योगदान है। इसी कड़ी में गेवरा क्षेत्र द्वारा इस वित्तीय वर्ष 27 मार्च तक कुल 43 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया, जो कि एसईसीएल के किसी खदान द्वारा किया गया सर्वाधिक डिस्पैच है। कोयला उत्पादन की तेजी को बरकरार रखते हुए 28 मार्च को एसईसीएल द्वारा एक कार्यदिवस में 6,89,650 टन कोयला उत्पादन 
किया वहीं ऑफटेक 4,73,255 टन रहा।
28 मार्च तक एसईसीएल ने 155.41 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कोलइण्डिया में सर्वाधिक कोयला उत्पादन का तमगा अपने पास बरकरार रखा है। वहीं एमसीएल दूसरे स्थान पर एवं एनसीएल तीसरे स्थान पर है।
एसईसीएल के सीएमडी श्री ए.पी. पण्डा एवं उनके साथी निदेशकगण के कुशल नेतृत्व, मुख्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय महाप्रबंधकों, सबएरिया मैनेजर एवं प्रत्येक इकाई स्तर पर कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों के समेकित अथक प्रयास से ही एसईसीएल अपने उत्पादन एवं डिस्पैच लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हो रहा है। 
देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु एसईसीएल के शीर्ष अधिकारी से लेकर अंतिम छोर पर कार्य करने वालाइकाई स्तर का कर्मचारी भी अपने कर्तव्यों के प्रति कटिबद्ध है।

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