‘‘राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है हिन्दी’’: डॉ. राजन यादव.........

 

*‘‘राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है हिन्दी’’: डॉ. राजन यादव*

दैनिक सेंट्रल न्यूज़ । बिलासपुर। भाषा केवल अभिव्यक्ति का सूचक नहीं है बल्कि विश्व में देश की पहचान है । 130 से 135 वर्षों में हिन्दी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में पल्लवित हुई है। भाषा इतिहास को समेटा हुआ होता है। हिन्दी भाषा में अनेक भाषाओं को लिया गया है। इसलिए महात्मा गाँधी जी ने कहा कि हिन्दी भाषा रूपी नहीं कभी नहीं सूखेगा क्योंकि हिन्दी भाषा में अनेक भाषा रूपी नदियों का समावेश है। भारत की विभिन्न भाषाओं में हिन्दी भाषा सम्मिलित है। ‘खाया हुआ अन्न और पढ़ी हुई विद्या कभी बेकार नहीं जाती है’ । हिन्दी भाषा ने राष्ट्र के एकीकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।" 

....उक्त उद्गार डी एल एस महाविद्यालय में हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित आयोजित राजभाषा समारोह में डॉ. राजन यादव विभागाध्यक्ष, इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ ने मुख्य अतिथि की आसन्दी से व्यक्त किए। समारोह के सभापति उमेश जाधव व अध्यक्ष राकेश दीक्षित रहे। सभा को विशिष्ट वक्ता डॉ तारणीश गौतम व विशिष्ट अतिथि डॉ आई पी कौशिक ने भी सम्बोधित किया!

अतिथियों ने सर्वप्रथम माँ वीणापाणि सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारम्भ किया।

स्वागत उद्बोधन डॉ गीता तिवारी विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग ने, आभार प्रदर्शन अर्चना तिवारी प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रताप पाण्डेय ने किया। समारोह का समापन स्व बसन्त शर्मा की प्रतिमा के सम्मुख श्रद्धांजलि अर्पित कर सम्पन्न हुआ! इस अवसर पर  डॉ क्षमा त्रिपाठी, डॉ. नेहा बेहार, डॉ स्वाति शर्मा,श्रीमती मुक्ता कुमारी, श्रीमती सुष्मिता मिश्रा, श्रीमती अर्चना तिवारी, रसिका लोणकर, नाजनीन खान,  श्रीमती मिठू अधिकारी, श्रीमती पूजा यादव, श्रीमती वन्दना तिवारी, राजेश ठाकुर, अंकित दुबे, वर्षा श्रीवास, साक्षी श्रीवास, , काजल गुप्ता, मिनी गुप्ता, टीकाराम, मुकेश कुमार, पालेश्वर सिंह, योगेंद्र बघेल, सविता कश्यप, अंकिता पाण्डेय, एस.के. पाण्डेय, राकेश शर्मा, महेश जाँगड़े, नितिश शर्मा, इन्द्रजीत साहू, रोशनी देवांगन, प्रिया मानिकपुरी, संजना, अमित, गौरव बघेल, मंजीत, संजय, टीकेश्वर्, सुमित, अभय, शिवम अभिषेक, अमर, सत्येन्द्र, संजय, आशुतोष, रामकुमार, इन्द्रकुमार, सूर्यकांत पटेल, संजय कौशिक, पुरूषोत्तम देवांगन, राघव तिवारी आदि रा.से.यो. के स्वयं सेवक व विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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